शंक्वाकार फ्लास्क का शरीर चौड़ा होता है लेकिन गर्दन संकीर्ण होती है, जिससे घूमने की इस आवश्यक प्रक्रिया के दौरान फैलने की संभावना कम हो जाती है। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जब मजबूत एसिड मौजूद हों। संकीर्ण गर्दन शंक्वाकार फ्लास्क को उठाना भी आसान बनाती है, जबकि सपाट आधार इसे किसी भी सतह पर रखने की अनुमति देता है।